राजस्थान में कई दशकों तक राजाओं का राज रहा। इनमें अलवर के महाराज जयसिंह का नाम हमेशा नवाबी ठाठ के लिए जाना जाता था। इन्होंने जरा सी बात पर अपना 102 कमरों का महल तुड़वा दिया था।
महाराज जयसिंह ने अलवर में टाइटैनिक जहाज की तर्ज पर टाइटेनिक महल बनवाया था। जिसे वर्तमान समय में मोती डूंगरी के नाम से पहचाना जाता है। अलवर शहर में 1928 तक राजा इसी महल में रहते थे।
राजा ने इस महल को तैयार करने के लिए जहाज के जरिए यूरोप से कच्चा माल मंगवाया था। लेकिन बीच रास्ते में जहाज डूब गया। इस बात को शापित समझ लिया और राजा ने महल को तुड़वा दिया।
बता दें कि उस जमाने में चार लाख की लागत से महल बना था, जो आज के समय में कई करोड़ की वैल्यू रखते हैं। इसके बाद राजा ने अपने लिए जय विलास महल, अलवर सिटी पैलेस जैसे कई महल बनवाए।
यह राजस्थान के इकलौते ऐसे राजा थे जो जी में आए वही करते थे। फिर चाहे उसके लिए कितनी ही कीमत क्यों न चुकानी पड़े। वह फिजूलखर्ची के लिए भी जाने जाते थे।
राजा जयसिंह के ऐसे कई किस्से हैं, जिन्होंने अपनी आन-बान और शान के लिए कई फैसले लिए जिससे लाखों का नुकसान हुआ है।