राजस्थान में मेनारिया समाज ने एक बैठक आयोजित कर समाज हित में कई अहम फैसले लिए हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य फिजूल खर्च रोककर समाज सुधार करना है।
समाजजनों ने बैठक में निर्णय लिया कि समाज का कोई भी युवा प्री-वेडिंग पर फिजूलखर्ची नहीं करेगा। शादी में दूल्हा दाढ़ी भी नहीं रखेगा।
समाज में मृत्युभोज नहीं करने के साथ ही पगड़ी के दौरान किसी भी प्रकार के बर्तन बांटने पर प्रतिबंध रहेगा। मृत्यु के दौरान प्रात:कालीन पल्ला प्रथा भी नहीं होगी।
युवावस्था में किसी विवाहित लड़के या लड़की की मृत्यु हो जाती है। तो पुनर्विवाह स्वजाति में करने का निर्णय लिया गया। दूसरी समाज में पुनर्विवाह नहीं होगा।
पति पत्नी में किसी प्रकार का मतभेद होने पर समाज द्वारा गठित समिति द्वारा विवाद की वजह जानकर आपसी सामंजस्य से रिश्ता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।
युवाओं से भारतीय सनातन संस्कारों को अपनाने और समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने की अपील की गई। इसी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया।
बैठक में मेनारिया समाज के लोग सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर अगली बैठक उदयपुर के चीरवा गांव में रखने का निर्णय लिया गया।