राजस्थान में हर 30 किलोमीटर की दूरी पर खानपान बदल जाता है। लेकिन कई व्यंजन ऐसे हैं जो पूरे राजस्थान में खाए जाते हैं। यहां आने विदेशी पर्यटक इन व्यंजनों का स्वाद चखते हैं।
सबसे पहले बात दाल चूरमा और बाटी की। जो पूरे राजस्थान में इसे खाया जाता है। लेकिन हाड़ौती इलाके का दाल चूरमा और बाती सबसे ज्यादा मशहूर है। जिसे उपलों पर तैयार किया जाता है।
दूसरे नंबर पर गट्टे की सब्जी। जो राजस्थान के सरहदी इलाके जैसलमेर,बाड़मेर और जोधपुर की मशहूर है। गट्टे की सब्जी को साबूत मसाले के साथ तैयार किया जाए तो स्वाद और ही बेहतर हो जाता है।
जयपुर की मावा कचौरी का स्वाद भी काफी निराला है। यह कहने को तो कचौरी है लेकिन इसका स्वाद मीठा होता है। क्योंकि इसमें मीठे मावे की स्टफिंग की जाती है।
राजस्थान में नॉनवेज की काफी वैरायटी हैं। ढूंढाड़ क्षेत्र में तैयार होने वाले लाल मांस का स्वाद सबसे अलग होता है। जिसे मिट्टी के बर्तनों में तैयार किया जाता है। विदेशी भी खाते हैं।
राजस्थान में मिर्ची भी काफी मशहूर है। वहीं कोटा की कचौरी मशहूर है। लेकिन यहां पर मिलने वाली प्याज की कचौरी का भी कोई जवाब नहीं है।