जयपुर में आयोजित यूथ आइकन अवॉर्ड में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अजमेर की गौरी माहेश्वरी को सम्मानित किया है। जिसकी उम्र 16 साल है, लेकिन इसके16 हजार स्टूडेंट्स है।
गौरी कैलीग्राफी की टीचर है। जो ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस देश के स्टूडेंट्स को भी कैलीग्राफी सीख रही है। भारतीय सेना के जवानों को भी यह कैलीग्राफी सीखा चुकी है।
कैलीग्राफी हाथ की बनी प्रेजेंटेशन, मेमोरियल डॉक्यूमेंट, लीगल डॉक्यूमेंट बनाने और पत्थरों पर शब्दों को उकेरने सहित अन्य कामों में काम आने वाली कला है। जो विदेशों में इसका प्रचलन है।
साल 2022 में गौरी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी मिला था। पीएम मोदी ने भी गौरी की स्टोरी ट्वीट कर चुके हैं। गौरी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
गौरी बताती है कि बचपन से ही उसे कैलीग्राफी का शौक का था। लेकिन जब वह इसकी कोचिंग लेने गई तो गौरी की उम्र को देखते हुए टीचर ने मना कर दिया। लेकिन रिक्वेस्ट की तो टीचर भी मान गई।
गौरी भारत ही नहीं विदेशों के लोगों भी यह कला सीखा रही हैं। गौरी का एक सपना है कि वह खुद का एक ऐप लॉन्च करें जिससे वह लोगों को कैलीग्राफी सीखा सके। गौरी सामाजिक कार्य भी करती है।