करणी माता मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य, सफेद चूहा देखते ही करता चमत्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को राजस्थान बीकानेर दौरे पर हैं। सबसे पीएम करणी माता मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। पाकिस्तन बॉर्डर से सटा यह मंदिर कई रहस्य समेटे हुए है।
करणी माता मंदिर में इतने सारे चूहे क्यों हैं? कहां से आते हैं? आज तक ये बात लोगों के बीच एक पहेली बनी हुई है। लेकिन लोग इन्हें भगवान की तरह पूजते हैं।
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बीकानेर में कहां करणी माता मंदिर
“चूहों वाली माता” का यह मंदिर अपने चमत्कारों और मान्यताओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। जो कि बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर देशनोक नामक कस्बे में स्थित है।
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इस मंदिर में 30,000 से अधिक चूहे
इस मंदिर में करीब 30,000 से अधिक चूहे हैंं। जो स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। इन्हें 'काबा' कहा जाता है और माता का रूप मानकर पूजा जाता है। जो भक्त यहां आता है वह चूहों को भोग लगाता है।
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जवान पोस्टिंग से पहले यहां आता
मंदिर के पुजारी का कहना है कि कोई भी जवान पोस्टिंग पर जाने से पहले इस मंदिर में दर्शन के लिए जरूर आता है। देवी मां उसके प्राणों की रक्षा करती हैं। जवान की हर मुराद पूरी होती है।.
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सफेद चूहे हैं अत्यंत शुभ
मान्यता तो यह है कि किसी श्रद्धालु को सफेद चूहा दिख जाए, तो यह माता का विशेष आशीर्वाद माना जाता है। उसके सारे बिगड़े काम हो जाते हैं। भक्त चूहों द्वारा खाया गया प्रसाद खाते हैं।
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15वीं सदी का प्राचीन मंदिर
यह मंदिर का निर्माण 600 साल पहले 15वीं सदी में बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। कहा जाता है कि माता करणी मां दुर्गा की साक्षात अवतार हैं।
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बीकानेर राजपरिवार की कुलदेवी
करणी माता बीकानेर राजघराने की कुलदेवी हैं और शाही परिवार आज भी विशेष अवसरों पर यहां दर्शन करता है। मान्यता है कि करणी माता ने मृतकों को चूहे के रूप में पुनर्जीवित किया था।