भगवान शिव गुफाओं और पहाड़ पर ही बास करते हैं। राजस्थान के उदयपुर में एक ऐसा ही शिव मंदिर है, जहां भगवान गुफा में विराजमान है। लेकिन यहां उनके दर्शन करना बेहद कठिन है।
राजस्थान के उदयपुर में स्थित तिलकेश्वर महादेव मंदिर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जहां दुर्गम रास्ते से भक्तों को करीब जंजीरों के जरिए करीब 50 फीट नीचे उतरना पड़ता है।
उदयपुर में अरावली की पहाड़ियों के बीच बहने वाले झरने के नजदीकी 50 फीट की खाई में यह मंदिर बना हुआ है। लोहे की जंजीर को बड़े-बड़े पत्थरों से बांधा गया है।
यहां कम लोग इसलिए जा पाते हैं, क्योंकि यहां मंदिर में जाते-आते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। लेकिन सावन महीने में भक्तों की काफी भीड़ रहती है। सुबह से ही लाइन लग जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि उदयपुर के राजा और महाराजाओं ने भगवान शिव की आराधना इन्हीं पहाड़ियों में की थी। तब से लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए यही पर आते हैं।
आदिवासी बाहुल्य इलाके की पहाड़ियों में यह मंदिर बना हुआ है। चारों तरफ से पहाड़ियां और घने जंगल हैं। जहां मंदिर है, उसके आगे एक झरना है। यह साल भर बहता रहता है।