ऐसा पहला मंदिर जहां शिव के अंगूठे की होती पूजा, यहां छिपे हैं कई रहस्य
Rajasthan Jul 22 2024
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:Our own
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सावन महीने का है पहला सोमवार
सावन महीना शुरू हो चुका है। आज पहला सोमवार है। सुबह से ही हर शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। कोई शिवलिंग का दूध-जल से अभिषेक कर रहा है तो कोई फूलों से श्रृंगार कर रहा है।
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चमत्कारी है अचलेश्वर महादेव मंदिर
राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान के शिवलिंग नहीं, बल्कि उनके अंगूठे की पूजा की जाती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू के अचलेश्वर महादेव मंदिर की।
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सिरोही जिले के माउंट आबू में है मंदिर
यह मंदिर राजस्थान के सिरोही जिले के अचलगढ़ किले में स्थित है। जहां पर शिवलिंग की बजाय भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है।
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शिवलिंग के नीचे बना है पातालकुंड
इस अनोखे मंदिर के गर्भगृह में अंगूठे के ही नीचे एक पातालकुंड भी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस अंगूठे पर भक्त जो पानी डालते हैं, उसका आज तक पता नहीं चल पाया है कि वह जाता कहां है
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यही अंगूठा माउंट आबू के पहाड़ को रखे स्थिर
जिस अंगूठे की यहां पर पूजा की जाती है वह भगवान शिव के पैर का अंगूठा है। मान्यता है कि यह अंगूठा ही है जो माउंट आबू के पहाड़ को स्थिर रखने में मदद करता है।
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यह शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है रंग
इतना ही नही यह शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह इसका रंग लाल होता है, दोपहर में केसरिया और शाम को थोड़ा नीला सा हो जाता है।
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इस मंदिर में हैं कई रहस्य
इस रहस्य के चलते सावन महीने में इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ लगी रहती है। माउंट आबू को पुराणों में अर्द्धकाशी भी कहा जाता है। यह अचलेश्वर मंदिर भी इसी इलाके में आता है।