Hindi

ऐसा पहला मंदिर जहां शिव के अंगूठे की होती पूजा, यहां छिपे हैं कई रहस्य

Hindi

सावन महीने का है पहला सोमवार

सावन महीना शुरू हो चुका है। आज पहला सोमवार है। सुबह से ही हर शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। कोई शिवलिंग का दूध-जल से अभिषेक कर रहा है तो कोई फूलों से श्रृंगार कर रहा है।

Image credits: Our own
Hindi

चमत्कारी है अचलेश्वर महादेव मंदिर

राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान के शिवलिंग नहीं, बल्कि उनके अंगूठे की पूजा की जाती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू के अचलेश्वर महादेव मंदिर की।

Image credits: Our own
Hindi

सिरोही जिले के माउंट आबू में है मंदिर

यह मंदिर राजस्थान के सिरोही जिले के अचलगढ़ किले में स्थित है। जहां पर शिवलिंग की बजाय भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है।

Image credits: Our own
Hindi

शिवलिंग के नीचे बना है पातालकुंड

इस अनोखे मंदिर के गर्भगृह में अंगूठे के ही नीचे एक पातालकुंड भी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस अंगूठे पर भक्त जो पानी डालते हैं, उसका आज तक पता नहीं चल पाया है कि वह जाता कहां है

Image credits: Our own
Hindi

यही अंगूठा माउंट आबू के पहाड़ को रखे स्थिर

जिस अंगूठे की यहां पर पूजा की जाती है वह भगवान शिव के पैर का अंगूठा है। मान्यता है कि यह अंगूठा ही है जो माउंट आबू के पहाड़ को स्थिर रखने में मदद करता है।

Image credits: Our own
Hindi

यह शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है रंग

इतना ही नही यह शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह इसका रंग लाल होता है, दोपहर में केसरिया और शाम को थोड़ा नीला सा हो जाता है।

Image credits: Our own
Hindi

इस मंदिर में हैं कई रहस्य

इस रहस्य के चलते सावन महीने में इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ लगी रहती है। माउंट आबू को पुराणों में अर्द्धकाशी भी कहा जाता है। यह अचलेश्वर मंदिर भी इसी इलाके में आता है।

Image credits: Our own

फ्री में लें मौसम का मजा, कोटा का मुकुंदरा हिल्स & बूंदी का बरधा बांध

अनंत अंबानी के बाद अब चर्चा में जीजा आनंद पीरामल, Good News से सब खुश

सांपों से दोस्ती: यहां बच्चे से बुजुर्ग तक सांप को गले में डालकर घुमते

इस बिजनेसमैन की शादी का रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाया, अंबानी भी नहीं!