22 जनवरी यानि 7 दिन बाद राम मंदिर का उद्घाटन होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। इसी बीच मंदिर के लिए अपना योगदान देने वाले कई लोगों की चर्चा हो रही है।
राजस्थान के ललित किशोर चतुर्वेदी कार सेवक हैं और उन्होंने मंदिर के लिए आंदोलन भी किया है। इन्होंने कारसेवा करने के लिए मंत्रीपद तक ठुकरा दिया
हालांकि 9 साल पहले चतुर्वेदी की मौत हो चुकी है। वर्तमान में उनके बेटे भाजपा के पदाधिकारी है। भेरोंसिंह शेखावत सकार में ललित किशोर कैबिनेट मंत्री थे।
आंदोलन चला तो चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को कारसेवा में जाने की इच्छा जताई लेकिन मुख्यमंत्री ने कह दिया कि संवैधानिक पद है ऐसे में आप नहीं जा सकते।
चतुर्वेदी ने उन्हें पूछा कि वहां जाने के लिए मुझे क्या करना होगा तो शेखावत ने कहा कि मंत्री पद छोड़ना होगा। तुरंत बाद चतुर्वेदी अपना इस्तीफा देकर रवाना हुए।
चतुर्वेदी करीब 16 सालों तक सरकारी नौकरी कर चुके हैं। लेकिन वह आरएसएस के लिए काम करते थे तो उनका ट्रांसफर भी होता रहता था। 1966 में इस्तीफा देकर जनसंघ ज्वाइन कर राजनीति शुरू की थी।