राजस्थान में अब युवा केवल पुलिस या अन्य सरकारी नौकरी में नहीं बल्कि यूपीएससी जैसे कठिन एग्जाम भी पास कर रहे हैं। राजस्थान के निवासी हेमंत पारीक ने भी यूपीएससी एक्जाम क्रैक किया है।
कलेक्टर बने हेमंत पारीक के चर्चे पूरे देश भर में है।क्योंकि इनके पास वह सुख सुविधा नहीं थी, जो एक आम स्टूडेंट को मिल पाती हो। इनकी मां तो मजदूरी करती थीं।
हनुमानगढ़ के भादरा निवासी हेमंत ने ऐसी हालत में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी, जब उनके पास फीस के पैसे तक नहीं थे। लेकि कॉलेज में ही सोच लिया था कि यूपीएससी एक्जाम क्रैक करना है।
हेमंत के पास कोचिंग पैसे नहीं थे, इसलिए अपने टीचर से ही गाइडेंस लिया। हेमंत ने डिप्लोमा एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स भी किया, अंग्रेजी सब्जेक्ट में कमजोर होने की वजह से फेल हो गए।
तमाम कठनाई आने के बाद भी हेमंत ने हार नहीं मानी। इतनी मेहनत की जिसकी बदौलत पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी में 884 वीं रैंक हासिल की।
हेमंत ने बताया कि एक बार मनरेगा ऑफिसर ने उनकी मां की तनख्वाह में कटौती की थी। जब इस बारे में पचा लगाया तो पता चला ऐसे मामले को कलेक्टर सुलझाते हैं। तो सोच लिया अब कलेक्टरही बनूंगा।