राजस्थान से जुनून और संघर्ष के बाद कामयाबी की एक ऐसी कहानी सामने आई है जो हर किसी को प्रेरणादायक है। यह सफलता उस महिला की है, जो सड़कों पर झाड़ू लगाती थी, अब वो डिप्टी कलेक्टर है।
यह कहानी राजस्थान में डिप्टी कलेक्टर आशा कंडारा की है। जो जोधपुर की रहने वाली हैं और उनकी 17 साल की उम्र में शादी हो गई थी। उस वक्त इन्होंने केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की हुई थी।
पति ने आशा को दो बच्चों के बाद छोड़ दिया। बच्चों को पालने के लिए जोधपुर नगर निगम में अप्लाई किया। जहां उन्हें सफाईकर्मी की नौकरी मिली। वह सड़कों पर झाड़ू लगाकर पेट पालती थीं।
अपनी इस कठिन नौकरी के बावजूद आशा ने राजस्थान सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करना शुरू किया। वह काम करने के बाद घंटों तक पढ़ाई करती रहती थीं।
आशा ने 2018 में राजस्थान सिविल सर्विस का एग्जाम दिया। लेकिन इसके बाद कोरोना शुरू हुआ तो उनका रिजल्ट ही 2021 में आया। जब रिजल्ट आया तो उनके 728 वीं रैंक आई।
अब आशा कंडारा डिप्टी कलेक्टर के पद पर नौकरी कर रही हैं। उन्हें अपनी इस सफलता पर कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। जो कोई भी उनकी सफलता के पीछे की कहानी जानता उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।