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सड़क पर झाड़ू लगाने वाली महिला बनी डिप्टी कलेक्टर, रूला देगा संघर्ष

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प्रेरणादायक है डिप्टी कलेक्टर की कहानी

राजस्थान से जुनून और संघर्ष के बाद कामयाबी की एक ऐसी कहानी सामने आई है जो हर किसी को प्रेरणादायक है। यह सफलता उस महिला की है, जो सड़कों पर झाड़ू लगाती थी, अब वो डिप्टी कलेक्टर है।

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7 साल की उम्र में हो गई थी शादी

यह कहानी राजस्थान में डिप्टी कलेक्टर आशा कंडारा की है। जो जोधपुर की रहने वाली हैं और उनकी 17 साल की उम्र में शादी हो गई थी। उस वक्त इन्होंने केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की हुई थी।

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शादी के दो साल बाद ही पति ने छोड़ दिया

पति ने आशा को दो बच्चों के बाद छोड़ दिया। बच्चों को पालने के लिए जोधपुर नगर निगम में अप्लाई किया। जहां उन्हें सफाईकर्मी की नौकरी मिली। वह सड़कों पर झाड़ू लगाकर पेट पालती थीं।

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10 घंटे काम करने के बाद करतीं पढ़ाई

अपनी इस कठिन नौकरी के बावजूद आशा ने राजस्थान सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करना शुरू किया। वह काम करने के बाद घंटों तक पढ़ाई करती रहती थीं।

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2018 में दिया UPSC एक्जाम

आशा ने 2018 में राजस्थान सिविल सर्विस का एग्जाम दिया। लेकिन इसके बाद कोरोना शुरू हुआ तो उनका रिजल्ट ही 2021 में आया। जब रिजल्ट आया तो उनके 728 वीं रैंक आई।

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रूला देगी डिप्टी कलेक्टर की कहानी

अब आशा कंडारा डिप्टी कलेक्टर के पद पर नौकरी कर रही हैं। उन्हें अपनी इस सफलता पर कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। जो कोई भी उनकी सफलता के पीछे की कहानी जानता उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।

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