सीएम अशोक गहलोत सरदारपुरा से चुनाव लड़ेंगे। सीएम गहलोत का यहां पहले से ही दबदबा है और यहां से उनका जीतना भी तय माना जाता है।
राजस्थान में कांग्रेस में सबसे मजबूत और दमदार नेता सचिन पायलट का विकल्प पार्टी के पास नहीं हैं। पिछले चुनाव में पायलट ने चुनाव का रुख ही पलट दिया था।
सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष होने के साथ ही नाथद्वारा से विधायक भी हैं। अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ होने के चलते उनपर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है।
युवा नेता अशोक चांदना भी जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हिंडौली से उन्हें टिकट दिया गया है।
वर्तमान में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को गहलोत का राइट हैंड भी माना जाता है। इनके टिकट मिलने पर भी कोई संदेह नहीं था। लक्षमणपुर से उनका टिकट दिया गया है।
वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और करीब 40 से 45 सीटों पर अपना प्रभाव रखती हैं। ऐसे में उनका टिकट भी तय ही था।
राजेंद्र राठौड़ वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष और अपने क्षेत्र में मजबूत दावेदा हैं। उन्हें तारानगर से टिकट दिया गया है।
ज्योति मिर्धा को भाजपा ने हाल ही में पार्टी से जोड़ा है। चित्तौड़ में ज्योति मिर्धा की मजबूत पकड़ के कारण उनका टिकट भी तय था।
नरपत सिंह राजवी का टिकट विद्याधर नगर से पहले लिस्ट में काटा गया ऐसे में अब उनको टिकट देकर पार्टी ने वसुंधरा राजे खेमे को साधने का काम किया है।
प्रताप सिंह सिंघवी का छाबड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्चस्व है। ऐसे में यहां उनकी मजबूत पकड़ के चलते भाजपा जीत हासिल कर सकती है।
विश्वजीत सिंह मेवाड़ को हाल ही में भाजपा में शामिल किया गया है। पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखने वाले विश्वजीत सिंह का क्षेत्र में दबदबा है। ऐसे में यहां से भाजपा सीट निकाल सकती है।