राजस्थान में तेल की धार तय करती है दूल्हा-दुल्हन का भविष्य, दिवाली खास
Rajasthan Nov 14 2023
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:social media
Hindi
दूल्हा-दुल्हन के लिए पहली दीवाली बेहद खास
राजस्थान में दूल्हा-दुल्हन के लिए पहली दीवाली बेहद खास होती है। खासकर बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में अनोखी परंपरा चलाई जाती है।
Image credits: social media
Hindi
नई नवेली दुल्हन का दिवाली पर स्पेशल स्वागत
आणा यानी गौणा... गौणा का मतलब होता है नई नवेली दुल्हन का पहली बार ससुराल में जाना । जबकि मेरियू परंपरा है , एक विशेष प्रकार का दीपक बनाना जिसे दूल्हा बनता है।
Image credits: social media
Hindi
दिवाली के अगले दिन नई दूल्हा दुल्हन मानते
मेरियू दीपक का ही एक रूप है, लेकिन इसे विशेष तरह से बनाया जाता है। जिसमें नारियल गन्ना, गोबर और माटी का प्रयोग किया जाता है। दिवाली के अगले दिन नई दूल्हा दुल्हन मानते इसे हैं।
Image credits: social media
Hindi
घर के चौखट पर खड़े होते हैं दूल्हा-दुल्हन
दूल्हा और दुल्हन अपने घर के चौखट पर खड़े होते हैं और उनके हाथ में विशेष दीपक यानी मेरियू होता है। रिश्तेदार दीपक में भरने के लिए तेल लेकर आते हैं।
Image credits: GOOGLE
Hindi
दुल्हन अपने हाथ से दिए में भरती है तेल
यह तेल दुल्हन अपने हाथों से विशेष दीपक में भरती है और उसके बाद दूल्हा भी उसकी मदद करता है।तेल की धार का विशेष महत्व होता है, इसी से आने वाले जीवन को सुखमय माना जाता है।
Image credits: social media
Hindi
मेरियू से ठीक पहले गौना मनाया जाता है...
मेरियू से ठीक पहले गौना मनाया जाता है। इसमें नव विवाहित दुल्हन अपने पिता के घर चली जाती है और दूल्हा दिवाली से ठीक पहले उसे लेने पहुंचता