अयोध्या में दीपोत्सव 2024 पर योगी सरकार का विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, जिसमें 28 लाख पर्यावरण-संवेदनशील दीये जलाए जाएंगे, जो राम मंदिर की पहली दिवाली को और भी भव्य बनाएंगे।
इस वर्ष अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली बार दिवाली के प्रकाश पर्व को भव्यता से मनाने के लिए तैयार है। खास बात ये है कि ये दीये पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
इन दीपों से कोई कार्बन उत्सर्जन और कालिख नहीं होगी। इन दीपों से मंदिर के स्ट्रक्चर को किसी प्रकार का दाग या नुकसान नहीं होने देगा।
प्रत्येक दीये में 30 मिली लीटर सरसों का तेल भरा जाएगा, इस प्रक्रिया के दौरान सावधानीपूर्वक निगरानी की जाएगी। दीयों की व्यवस्था 28 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी
योगी सरकार का यह प्रयास न केवल आस्था और भव्यता का प्रतीक बनेगा बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को भी प्रकट करेगा।
दीपोत्सव की इस महाकृति में राम मंदिर को विशेष रूप से डिजाइन किए गए दीयों से रोशन किया जाएगा, जिनमें ऐसा मोम उपयोग होगा जो लंबे समय तक जलता रहेगा।
अयोध्या के 55 घाटों को 28 लाख दीयों से सुसज्जित करने के लिए 30,000 से अधिक स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं, जिसमें 14 कॉलेजों, 37 इंटर कॉलेजों और 40 NGO के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।
राम की पैड़ी के घाट नंबर 10 पर 80,000 दीयों से एक भव्य स्वास्तिक चिन्ह बनाया जा रहा है, जो उत्सव का मुख्य आकर्षण होगा।
दीपोत्सव के आयोजनों का यह विशेष पर्व 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली पर आयोजित किया जाएगा। इस दीपावली पर 28 लाख दीयों को एक साथ जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य है।
इसके लिए दीयों की गिनती 29 अक्टूबर को होगी। दीपोत्सव का ये पर्व न केवल आस्था का प्रतीक बनेगा बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण जागरूकता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान का संदेश भी देगा।