UP के हाथरस में 2 जुलाई को सत्संग के बाद मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया था।
इसी बीच पता चला है कि बाबा लड़कियों की तरह सजता-संवरता था। बाबा सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले शेविंग करता है।
अनुयायी भोले बाबा उर्फ सूरज पाल को परमात्मा कहते हैं, जबकि उसकी पत्नी को मां जी। पता चला है कि तीन महीने से उसकी पत्नी की सेहत खराब है, इसलिए वो अकेले ही सत्संग करता था।
भोले बाबा उर्फ सूरज पाल एटा जिले के बहादुर नगरी का रहने वाला है। पढ़ाई के बाद UP पुलिस में उसकी नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही।
नौकरी के दौरान बाबा पर चमत्कार, जादू-टोना और यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हुआ तो उसे पुलिस विभाग से टर्मिनेट कर दिया गया। इसके बाद उसे 2000 में गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि सबूतों के अभाव में वो जेल से छूट गया और अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार रख लिया और सत्संग करने लगा। धीरे-धीरे वो भोले बाबा के नाम से मशहूर हो गया।
मैनपुरी में भोले बाबा का आश्रम है। आश्रम करीब 30 बीघा में बना है। यहां किसी देवता की मूर्ति नहीं है। बाबा दावा करता है- आश्रम के अंदर लगे नलों से पानी पीने से रोग दूर होता है।
2014 में बाबा मैनपुरी के बिछवा में रहने लगा और आश्रम का प्रबंधन स्थानीय प्रशासक के हाथों में दे दिया। उसके ठिकाना बदलने के बाद भी आश्रम में रोजाना 10,000 तक लोग आते थे।
वह कारों के काफिले के साथ चलता है। मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले बाबा की गांव-गांव गहरी पैठ है। अनुयायी उसे भगवान शिव की तरह पूजते हैं। इसलिए उसका नाम भोले बाबा पड़ गया।