गीता प्रेस अब तक 16.21 करोड़ भागवत गीता छाप चुका है, जबकि 11.73 करोड़ तुलसी दास की रामचरित मानस और 2.58 करोड़ पुराण-उपनिषद
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हिंदू संस्कृति का प्रतीक है गीता प्रेस का मुख्य द्वार
गीता प्रेस का मुख्य द्वार अपने आप में अद्भुत है, इसके निर्माण में भारतीय संस्कृति, धर्म-कला और गरिमा के उकेरा गया है
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100 करोड़ टर्न ओवर है गीता प्रेस का
गीता प्रेस का 2022 में टर्न ओवर 100 करोड़ रुपए सालाना रहा है
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कब हुई थी गीता प्रेस की स्थापना?
मई, 1923 में बंगाल सोसायटी पंजीयन अधिनियम के तहत गीता प्रेस संस्था की रजिस्ट्रेशन हुआ था, मतलब इसे 100 साल हो गए हैं, इसकी स्थापना जयदयाल गोयंदका ने की थी
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शताब्दी वर्ष में शामिल हुए थे रामनाथ कोविंद
1923 में स्थापित गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का औपचारिक शुभारंभ जून, 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था
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हिंदी के प्रचार-प्रसार में गीता प्रेस का योगदान
गीता प्रेस भवन 11.09 करोड़ महिलाओं-बच्चों का साहित्य, 17.96 करोड़ भक्तचरित और भजनमाला, जबकि 13.80 करोड़ अन्य प्रकाशन सहित 16.74 करोड़ कल्याण साहित्य छाप चुका है
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किराए के भवन में शुरू हुई थी गीता प्रेस
गीता प्रेस 1923 में यूपी के गोरखपुर में किराए के भवन में शुरू हुई थी
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2 राष्ट्रपति आ चुके हैं गीता प्रेस
1955 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहां आ चुके हैं, इसके बाद जून, 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां आए थे