महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति (BJP, शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार का NCP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। MVA को करारी शिकस्त और महायुति की जीत के पीछे ये 5 प्रमुख कारण रहे।
अजीत पवार के गुलाबी थीम वाले अभियान और 'लाडली बहना' ने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया। इसमें महिलाओं को 1,500 रुपये की 5 किस्तें दी गईं।
विधानसभा चुनाव के दौरान लाडली बहन योजना के तहत 2,100 रुपये तक बढ़ाने का वादा किया गया। इस योजना ने 53 लाख नई महिला वोटर्स को महायुति के पक्ष में खड़ा कर दिया।
भाजपा ने कृषि संकट का समाधान देते हुए MSP पर कपास और सोयाबीन खरीदने का वादा किया। ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश और ठोस स्कीमों ने MVA के कमजोर करते हुए किसानों का भरोसा जीता।
प्रधानमंत्री मोदी का एक हैं तो सुरक्षित हैं नारा भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। इसने हिंदू और ओबीसी वोटों को संगठित किया, जबकि एमवीए इसे प्रभावी ढंग से चुनौती देने में असफल रहा।
कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले विदर्भ क्षेत्र में भाजपा की रणनीति ने काम किया। ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे में दीर्घकालिक निवेश ने कांग्रेस के आधार को कमजोर कर दिया।
एनसीपी के विभाजन और अजीत पवार के भाजपा में जाने से एमवीए कमजोर हुआ। इसके साथ ही, राहुल गांधी की वीर सावरकर पर विवादास्पद टिप्पणी ने मतदाताओं को नाराज कर दिया।
महाराष्ट्र के नतीजे सिर्फ एक राजनीतिक जीत नहीं बल्कि यह महायुति की रणनीतिक सफलता और एमवीए की कमजोरी को उजागर करते हैं। यह परिणाम अन्य स्टेट के चुनावों पर बड़ा असर डाल सकता है।