प्रयागराज में UPPSC की PCS और RO/ARO परीक्षा के खिलाफ छात्रों का विरोध चौथे दिन भी जारी है। छात्र परीक्षा एक ही दिन कराने और सामान्यीकरण फॉर्मूले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार से शुरू विरोध प्रदर्शन में छात्रों ने UPPSC के PCS और RO/ARO की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन और दो पालियों में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाए और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामान्यीकरण फॉर्मूले को रद्द किया जाए।
UPPSC ने 5 नवंबर को घोषणा की कि 2024 के लिए PCS (प्रीलिम्स) एग्जाम 7 और 8 दिसंबर को 41 जिलों में 2 पालियां सुबह 9:30 से 11:30 बजे और दोपहर 2:30 से शाम 4:30 बजे तक होंगी।
इसके अलावा समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) प्रारंभिक परीक्षा 2023, 22 और 23 दिसंबर को तय है और यह भी राज्य के विभिन्न जिलों में दो पालियों में आयोजित की जाएगी।
आयोग ने एक सूत्र लागू किया है, जो केवल उन मामलों में लागू होगा, जहां एग्जाम कई दिनों में होंगे। जब परीक्षाएं अलग-अलग तिथियों में फैली होती हैं, तो प्रश्नपत्र अलग-अलग होते हैं।
इस बात की संभावना होती है कि पेपर के कुछ संस्करण दूसरों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इस संभावित विसंगति को दूर करने के लिए, सामान्यीकरण प्रक्रिया लागू की जाती है।
इस विरोध प्रदर्शन को समाजवादी छात्र सभा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI)-कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), BJP छात्र शाखा से समर्थन मिला है।
गुरूवार को छात्रों ने आरोप लगाया कि भोर में सिविल ड्रेस में पुलिस वालों ने आकर छात्रों के साथ मारपीट की। उन्हें धमकी दी। इसकी फाेटों भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
UPPSC ने कहा कि "परीक्षाओं की शुद्धता और उम्मीदवारों की सुविधा" उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।