संभल में मस्जिद का सर्वे कराने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है। 19 नवंबर को कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान मस्जिद का सर्वे कराकर हफ्तेभर में रिपोर्ट देने के लिए कहा।
पहला सर्वे 19 नवंबर को हुआ था, लेकिन रात होने की वजह से ठीक तरह नहीं हो पाया। कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को सुबह 7.30 से सर्वे हुआ। सभी चीजों की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी हुई है।
बता दें कि कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया।
महंत ऋषि राज का दावा है कि संभल की मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। वहां मंदिर के कई सबूत हैं। यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। जानते हैं वो सबूत क्या-क्या हैं।
बाबर की आत्मकथा बाबरनामा के पेज नं 687 में जिक्र है वो 10 जुलाई, 1529 को संभल आया था। हुमायूं के सेवक हिरदू बेग ने 933 हिजरी में उसके आदेश पर मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था।
अबुल फजल की 'आइन-ए-अकबरी' के पेज नंबर 281 पर लिखा है- संभल में हरि मंडल (विष्णु का मंदिर) है, जो एक ब्राह्मण का है। उसके वंशजों में से दसवां अवतार इसी जगह पर होगा।
ASI ने 1874–76 में तब के डीजी कनिंघम की देखरेख में एक रिपोर्ट बनाई, जिसमें कहा-संभल महिष्मत के तट पर बसा है। सतयुग में ये सब्रत, त्रेतायुग में महादगिरि और द्वापर युग में पिंगला था।
हिंदू पक्ष ने याचिका में कहा है कि संभल ऐतिहासिक शहर है। यहां कलियुग के अंत में भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि प्रकट होंगे। उनके अवतरण से कलियुग का अंत और सतयुग प्रारंभ होगा।
हिंदू पक्ष के वकील श्रीगोपाल शर्मा के मुताबिक, मुरादाबाद मंडल के सरकारी गजट में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का जिक्र है। इसके गेट पर एक पुराना कुंआ है। सालों पहले यहां पूजा होती थी।
CCS विवि के प्रोफेसर विघ्नेश त्यागी के मुताबिक, उन्होंने 'युग युगीन' किताब लिखी है, जिसमें संभल के हरिहर मंदिर का हवाला दिया है। ये 1178-1193 के बीच पृथ्वीराज चौहान के राज में बना।