संभल में हिंसा के 24 घंटे बाद भी डर और दहशत का माहौल है। शहर पूरी तरह से थम गया है, चौराहों पर बैरिकेडिंग है। संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।
संभल में जिस जगह पर हिंसा भड़की थी, वह पूरा इलाका छावनी बना हुआ है। संभल की सड़कों पर सिर्फ हर तरफ पुलिस-फोर्स के जवान ही नजर आ रहे हैं।
आलम यह है कि हिंसा के बाद संभल में नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हं। वहीं 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। बाजार पूरी तरह से बंद हैं।
वहीं संभल में हिंसा के आरोप में पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। 400 से ज्यादा लोगों पर FIR की गई है, जिन्होंने शुरूआती दौर में पत्थरबाजी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
संभल में इस वक्त एसपी-कलेक्टर, डीआईजी-कमिश्नर और कई जिलों की पुलिस तैनात है। आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट पर है। फोर्स के साथ संवेदनशील इलाकों में इलाकों में फ्लैग मार्च की गई।
संभल हिंसा में चार लोगों की मौत भी हुई है। मारे गए लोगों के नाम नईम अहमद, बिलाल अंसारी, नोमान और कैफ हैं, पुलिस ने हिंसा में मरने वालों के नाम और फोटो जारी नहीं किए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे टीम देखते ही मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। मौके पर 2 से तीन हजार लोग जमा हो गए । जब पुलिस ने उनको रोका तो उनपर पत्थरबाजी करते उनके वाहन फूंक दिए।
बता दें कि संभल में हिंसा उस वक्त फैली, जब रविवार सुबह 7 बजे के आसपास डीएम-एसपी के साथ टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। बस टीम देखते ही पत्थरबाजी और आगजनी होने लगी।
संभल में मृतकों के परजिनों का आरोप है कि उनके बच्चों की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। वहीं कमिश्नर ने कहा, 'पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं हुई है।