राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घोषणा की कि इस वर्ष भी बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लगातार छठे साल दरें स्थिर रखकर यूपी ने नया रिकॉर्ड बनाया।
आयोग का यह निर्णय 3.5 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के लाभ को देखते हुए लिया गया। उपभोक्ता परिषद ने इसे जनता की जीत और UPPCL की बड़ी हार करार दिया।
नियामक आयोग ने UPPCL के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया जिसमें 45% बढ़ोतरी की मांग थी। 2025–26 के लिए भेजा गया 30% वृद्धि प्रस्ताव भी नामंजूर कर दिया गया।
नोएडा के उपभोक्ताओं को इस वर्ष भी 10% की छूट मिलेगी। परिषद का दावा है कि UPPCL पर उपभोक्ताओं का सरप्लस 18,500 करोड़ है, कुल सरप्लस 51,000 करोड़ पहुंच गया।
मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में लगातार 6 वर्षों से बिजली दरें नहीं बढ़ीं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपभोक्ताओं के लिए राहत है पर UPPCL के लिए चुनौती भी।
बढ़ती लागत और घाटे के चलते UPPCL दरें बढ़ाने की कोशिश करता रहा, लेकिन आयोग ने उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ने दिया। इससे निगम की वित्तीय स्थिति दबाव में है।
वर्ष 2000 में बनी UPPCL पूरे प्रदेश में बिजली उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन संभालती है। DISCOM कंपनियों के जरिए आपूर्ति होती है, पर घाटे की चुनौती बढ़ रही है।
UPERC ने 5 राज्य डिस्कॉम के लिए 1,10,993 करोड़ रुपये का ARR मंजूर किया है। 13.35% वितरण घाटा तय किया गया। 17,100 करोड़ की सब्सिडी और 1,03,283 करोड़ का रेवेन्यू अनुमानित है।
डिस्कॉम लॉस टारगेट तय, दो डिस्कॉम ही लक्ष्य पर खरे। लाइफलाइन उपभोक्ताओं को सब्सिडी जारी रहेगी। PAN अपडेट, TDS पर नियम, OSS सरचार्ज संशोधन और बिलिंग शिकायतों पर कार्रवाई।