चिकनकारी, लखनऊ की अनमोल धरोहर है, जिसकी जड़ें मुगल काल से जुड़ी हैं। यह कला कपड़ों पर बारीक और खूबसूरत कढ़ाई के लिए जानी जाती है।
कारीगर महीन सूत और 32 से अधिक टांकों का इस्तेमाल कर इसे तैयार करते हैं। हर टांका इस कला की बारीकी और मेहनत को दर्शाता है।
चिकनकारी कपड़े पारंपरिक और आधुनिक फैशन का अनोखा संगम हैं। कुर्ते, साड़ियां, और वेस्टर्न आउटफिट्स तक सब कुछ बनता है।
लखनऊ की चिकनकारी ने देश-विदेश के फैशन में अपनी अलग पहचान बनाई है। आज यह ग्लोबल फैशन ट्रेंड्स का हिस्सा बन चुकी है।
हजरतगंज, चौक, और अमीनाबाद के बाजार चिकनकारी के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां हर तरह के बजट में बेहतरीन चिकनकारी उपलब्ध है।
कारीगरों को प्रोत्साहित करना इस अनमोल कला को बचाने का एक जरिया है। चिकनकारी, लखनऊ की शान और हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।
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