प्रयागराज में चल रहे कुंभ में ऋषिकेश से आईं साध्वी भगवती सरस्वती ने भी त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।
1996 में अमेरिका से भारत घूमने आई एक लड़की यहां के अध्यात्म और दर्शन से इस कदर प्रभावित हुई कि बस यहीं की होकर रह गई। दुनिया आज उन्हें साध्वी भगवती के नाम से जानती है।
साध्वी भगवती सरस्वती का जन्म अमेरिका के कैलिफोर्निया में फ्रैंक और सुजेन गारफील्ड के घर हुआ था।
साध्वी भगवती ने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया और इसके बाद साइकोलॉजी में पीएचडी की है।
साध्वी भगवती ने महज 30 साल की उम्र में घर-परिवार छोड़कर संन्यास धारण कर लिया था।
साध्वी भगवती ने ऋषिकेश में गंगा किनारे मौजूद परमार्थ निकेतन आश्रम को अपना घर बना लिया। वो महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही हैं।
54 साल की साध्वी भगवती डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की चेयरपर्सन भी हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती हॉलीवुड टू द हिमालयाज़: ए जर्नी ऑफ हीलिंग एंड ट्रांसफ़ॉर्मेशन की लेखिका हैं।
साध्वी भगवती शुरू से ही शाकाहारी रही हैं, जिसके चलते उन्हें अमेरिका में कई बार दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा।