मनसा देवी पर्वत के नीचे से मोतीचूर तक जाने वाली इस सुरंग की लंबाई लगभग 10 किलोमीटर प्रस्तावित की गई है।
शहर में हर साल चारधाम यात्रियों और मेलों की वजह से जाम की स्थिति बनती है, जिससे बड़ी राहत दे सकती है यह सुरंग।
सुरंग का प्रस्तावित मार्ग टीबीडी फाटक या भेल से होकर मनसा देवी के नीचे से मोतीचूर तक जाएगा।
फिलहाल इस प्रोजेक्ट की डीपीआर और सर्वेक्षण पर काम किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार योजना शुरुआती दौर में है।
अब तक पहाड़ी इलाकों में सुरंगें बनी हैं, लेकिन तराई क्षेत्र में यह पहली सुरंग होगी जो नया रिकॉर्ड बना सकती है।
यह सुरंग पुराने हिल बाईपास रोड का बेहतर विकल्प बन सकती है, जो सालों से खराब स्थिति में पड़ा है।
सुरंग निर्माण से पहले भू-विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की सलाह ली जाएगी क्योंकि यह इलाका भूस्खलन संभावित है।
इस सुरंग से हरिद्वार आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को जाम से निजात मिलेगी और यात्रा का अनुभव भी बेहतर होगा।
अगर यह सुरंग बनती है तो हरिद्वार के लिए यह ऐतिहासिक परियोजना साबित हो सकती है जो शहर की दिशा बदल देगी।
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