PM नरेंद्र मोदी ने 13 मार्च, बुधवार को असम के मोरिगांव और गुजरात के धोलेरा, सानंद में स्थापित होने वाले सेमीकंडक्टर फैसिलिटीज की नींव रखी। जिसकी लागत करीब 1.25 लाख करोड़ है।
Semiconductor चिप सिलिकॉन से बनी होती है। इसका काम सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल करना होता है। इस चिप को गैजेट्स का दिमाग भी कहा जा सकता है, जो उन्हें ऑपरेट करने में मदद करती है
सेमीकंडक्टर चिप के बिना हर इलेक्ट्रॉनिक आइटम अधूरा है। कंप्यूटर, लैपटॉप, एटीएम, वॉशिंग मशीन, कार, अस्पतालों की मशीन और यहां तक की स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही चलता है।
Semiconductor चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को ऑटोमैटिकली ऑपरेट करने में मदद करते हैं। जैसे- स्मार्ट वॉशिंग मशीन में कपड़े धुलने के बाद ऑटोमैटिकली बंद हो जाना, कार में अलर्ट भेजना।
एक सेमीकंडक्टर चिप बनाने में हजारों स्टेप्स लगते हैं। एक चिप को बनाने के लिए कई देशों में उसको लेकर काम होते हैं। इसके बाद जाकर एक सेमीकंडक्टर चिप बनता है।
इंटेल, सैमसंग, ब्रॉडकॉम, Nvidia और ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) मौजूदा समय में सेमीकंडक्टर बनाने वाली दुनिया की पॉपुलर कंपनियां हैं।
अभी सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा मैन्चुफैक्चर देश चीन है। यूनाइटेड स्टेट्स (US) चिप्स पर R&D करने वाला सबसे बड़ा देश और ताइवान असेंबलिंग, पैकेंजिंग और टेस्टिंग में सबसे आगे है।