डीपफेक पर हर तरफ बवाल मचा है। केंद्र सरकार AI का गलत इस्तेमाल कर फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने पर सख्त है। इस बीच रिसर्चर्स ने ClearFake का अलर्ट जारी कर दिया है।
डीपफेक की तरह ही क्लियरफेक भी खतरनाक है। इसमें भी साइबर ठग AI की मदद से फेक वीडियो, फोटो, वेबसाइट का इस्तेमाल कर गलत जानकारी, वीडियो, फोटो और मैलवेयर पहुंचाते हैं।
ClearFake का इस्तेमाल कर साइबर फ्रॉड आम लोगों के सिस्टम में गलत सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवा दे रहे हैं और फिर उनकी पर्सनल जानकारी सिस्टम से चुराने का काम कर रहे हैं।
इस साल की शुरुआत में रिसर्चर्स ने नए साइबर खतरे एटॉमिक macOS स्टीलर की तलाश की। एक बार यूजर के सिस्टम में इंस्टॉल होने के बाद ये संवेदनशील जानकारी निकाल सकता है।
क्लीयरफेक में iCloud किचेन पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड विवरण, क्रिप्टो वॉलेट समेत दूसरी तरह की फाइलें हैं। ये मैलवेयर पहले से ही यूजर्स के लिए खतरा बना हुआ है।अब ClearFake का यूज हो रहा
क्लियरफेक से स्कैमर्स फेक वेबसाइट बना यूजर्स से ब्राउजर अपडेट करने कहते हैं। ये असली वेबसाइट की तरह होते हैं। इनमें गलत जावास्क्रिप्ट कोड होते हैं, जिसे इंस्टॉल करते ही खेल होता है
सिस्टम में इनस्टॉल होने के बाद क्लीयरफेक तमाम तरह की जानकारी इकट्ठा करने लगता है। इससे यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाती है। इसके बाद उन्हें अलग-अलग तरह से टारगेट किया जाता है।
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें। किसी भी थर्ड पार्टी से सॉफ्टवेयर इंस्टॉल न करें। अपने सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें। ऐसे मैसेज से सावधान रहें।