बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन राजधानी ढाका में स्थित ढाकेश्वरी मंदिर को सरकार ने सुरक्षा दे रखी है।
ढाकेश्वरी मंदिर को बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर कहा जाता है। 12वीं शताब्दी में सेन वंश के राजा बल्लाल सेन ने इसका निर्माण कराया था।
बांग्लादेश में हिंदू संगठनों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए साल 1996 में तत्कालीन सरकार ने "ढाका की देवी" का नाम ढाकेश्वरी जातीय मंदिर (राष्ट्रीय मंदिर) कर दिया था।
आदिनाथ मंदिर कॉक्स बाजार जिले के महेशखली द्वीप पर स्थित है। माना जाता है कि भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी।
चंद्रनाथ मंदिर, चटगांव के सीताकुंड में चंद्रनाथ पहाड़ी पर स्थित, बांग्लादेश के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित, यह मंदिर एक फेमस टूरिस्ट प्लेस भी है।
ब्राह्मणबारिया में काल भैरव मंदिर, भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई थी।
कांताज्यू मंदिर( कांताजी) दिनाजपुर में स्थित मंदिर में भगवान कृष्ण विराजमान हैं। इसे 18वीं शताब्दी के मध्य में महाराजा प्राण नाथ द्वारा बनवाया गया था।