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ISRO आखिर क्यों दुनियाभर के देशों की पहली पसंद, जानें 10 फैक्ट

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1. Small Satellite Vehicle D-3 किया लॉन्च

ISRO ने 16 अगस्त को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्पेस एजेंसी ने स्मॉल satellite Vehicle D-3 को लॉन्च किया है।

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2. दुनियाभर की पसंदीदा एजेंसी है इसरो

ISRO का लोहा नासा सहित यूरोपीय एजेंसी भी मानती हैं। किफायती होने की वजह दुनियाभर के देश अपने सैटेलाइट इसरो के जरिए ही अंतरिक्ष में भेजते हैं।

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3. बेंगलुरु में इसरो का हेड क्वार्टर

साल 1969 में ISRO की नींव रखी गई थी। इसका हेड क्वार्टर बेंगलुरु में है।

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4..स्पेस टेक्नालॉजी में बनी भारत का प्राउड

ISRO अपने  उद्देश्य में पूरी तरह खरा उतरा है। ये एजेंसी स्पेस टेक्नालॉजी के जरिए भारत के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।

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5. इसरो का पहला मिशन

ISRO ने साल 1975 में अपना पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट लॉन्च किया था। इसके बाद इस स्पेस एजेंसी वापस मुड़कर नहीं देखा । 

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6. बेहद सफल रहा चंद्रयान 2 मिशन

ISRO ने चंद्रयान-1 के जरिए से चंद्रमा के कई रहस्यों से पर्दा हटाया था । वहीं चंद्रयान 2 ने इसके अनदेखे हिस्से के बारे में अहम जानकारियां जुटाई हैं।

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7. पहले अटेम्प्ट में सफल हुआ मंगल अभियान

मंगलयान मिशन के जरिए इसरो ने मंगल ग्रह पर अपना सैटेलाइट भेजा था, 298 दिनों का सफर तय करके इसे 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया था।

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8. अब अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट भेजेगा इसरो

 ISRO ने जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए से अपना पहला human space mission लॉन्च किया है।

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9. एक बार में 104 सैटेलाइट को किया लॉन्च

 ISRO के पास अपना खुद का लॉन्चिंग व्हीकल है, जो विदेशों के कई उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है। इस एजेंसी ने एक बार में सबसे ज्यादा उपग्रह भेजने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है।  

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10 कल्पना चावला को दी ट्रेनिंग

ISRO के पास अपना डेव्लप किया रॉकेट इंजन है। खुद की लेबोरेटरी है। नासा की साइंटिस्ट कल्पना चावला को इसरो ने ही ट्रेंड किया था।

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