चुंबन का एक पूरा विज्ञान होता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 10 सेंकड किस करने से 8 करोड़ बैक्टीरिया एक-दूसरे को ट्रांसफकर कर देते हैं। इनके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं।
Kiss दिमाग के बड़े हिस्से को एक्टिव कर देता है। चुंबन एक जादू की तरह काम करता है, जिसके शरीर के हार्मोन्स और न्यूरोट्रांसमिटर्स घूमने लगते हैं। इससे सोच और भावनाओं पर असर पड़ता है।
जब होठों पर Kiss करते हैं तो 9 मिलीग्राम पानी, .7 मिलीग्राम प्रोटीन, .18 मिलीग्राम ऑर्गैनिक कंपाउंड्स, .71 मिलीग्राम, फैट्स, .45 मिलीग्राम सोडियम क्लोराइड आदान-प्रदान होता है।
बताया जाता है कि Kiss करने वाले कपल 2 से 26 कैलरीज प्रति मिनट खर्च करते हैं। इससे जब अंदर से अच्छा लगता है तो करीब 30 तरह की मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है।
साल 2015 में आई एक स्टडी के मुताबिक, 168 संस्कृतियों में से आधी से भी कम में होंठ से होंठ मिलाकर किस करती हैं। कई संस्कृतियों में यह अब भी पापा माना जाता है।
चुंबन का जिक्र तो सदियों पहले भी मिलता है। कुछ साल पहले एक शोध में बताया गया था कि दुनिया का पहला चुंबन यानी Kiss भारत या मिस्र में हुआ होगा।
कई रिसर्च के मुताबिक, अपने पार्टनर को किस करने से दिमाग से ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं, जो उसे शांत करते हैं। इससे दिमाग फ्रेश होता है और तनाव भी कम होता है।
कई स्टडी के मुताबिक, मुंह की लार में बैक्टीरिया, वायरस आदि से लड़ने वाले पदार्थ पाए जाते हैं। इसलिए Kiss करने से मुंह, दांत और मसूड़े सेहतमंद रहते हैं। इससे इम्युनिटी भी बढ़ती है।
सायक्लॉजी टुडे के अनुसार, एक इंसान अपनी जिंदगी के 20,160 मिनट यानी 336 घंटे अपने पार्टनर को किस करने में गुजार देता है। पुरुष और महिला दोनों को किस करना पसंद होता है।