इस भयानक और बलात्कारी हत्यारे पर बेस्ड 'महानंद मोनिस वो सोइतान' (महानंद: आदमी या शैतान)' नाटक ने इसकी फिर से याद ताजा करा दी है, इसने प्यार और शादी के बहाने 16 महिलाओं को मारा था
गोवा के शैतान महानंद नाइक ने महिलाओं की हत्या का सिलसिला 1994 में शुरू किया। उस समय वो महज 25 साल का था
महानंद नाइक ने गोवा की राजधानी पणजी से लगभग 40 किमी दक्षिण में शिरोडा में एक ऑटोरिक्शा चलाया और 20-30 वर्ष की आयु वर्ग की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को अपना शिकार बनाया
1994 में महानंद नाइक ने अपने 16 पीड़ितों में सबसे पहले 30 वर्षीय गुलाबी गांवकर को मार डाला था। वह पोंडा बाज़ार में ऑटोरिक्शा स्टैंड के एक दर्जी थी
21 अप्रैल 2009 को अपनी गिरफ्तारी के बाद महानंद नायक ने पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली बताई थी, उसने बताया था कि वह खुद को एक बिजनेसमैन के रूप में पेश करता था
महानंद नायक को महिलाओं को मारने के लिए केवल दुपट्टे का इस्तेमाल किया था, उसके इसी कुख्यात तरीके से उसे 'दुपट्टा किलर' का नाम मिला
महानंद नायक को 20 जुलाई, 2011 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, वो पिछले 14 वर्षों से जेल में था। उसे इस साल जून में कोलवेल की सेंट्रल जेल से 21 दिन की पैरोल दी गई थी