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देश के दानवीर नंदन नीलेकणि

Infosys के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) ने अपने अल्मा मेटर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, IIT बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए का दान किया है।

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IIT बॉम्बे से पढ़े हैं नंदन नीलेकणि

IIT बॉम्बे से नंदन नीलेकणि 50 साल पहले जुड़े थे। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री में 1973 में एडमिशन लिया था। इसी उपलक्ष्य में यह दान दिया है।

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IIT बॉम्बे में सुधरेगी इंफ्रास्ट्रक्चर

इस दान का उद्देश्य IIT बॉम्बे को ग्लोबल लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के बढ़ते फील्ड को बढ़ावा देना और सबसे अच्छी तकनीकी स्टार्टअप तंत्र डेवलप करना है।

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नंदन नीलेकणि की आधारशिला है IIT बॉम्बे

नंदन नीलेकणि ने बताया कि 'आईआईटी बॉम्बे मेरे जीवन में आधारशिला रहा है, मुझे यहीं से आकार मिला है और मेरे सफर का नींव भी इसी इंस्टीट्यूट में रखा गया था।'

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नंदन नीलकेणि के 50 साल

इंफोसिस सह-संस्थापक ने बताया कि 'इस प्रतिष्ठित संस्थान के साथ जुड़े हुए 50 साल होने पर जश्न मना रहा हूं। आगे बढ़ने और संस्था में कुछ योगदान देने को लिए हमेशा ही आभारी हूं।'

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'यह दान नहीं योगदान है'

नंदन नीलेकणि ने इसे दान नहीं योगदान बताया है। उन्होनंे कहा कि यह उन छात्रों का भविष्य गढ़ने में मदद करेगा, जो कल की दुनिया को आकार देंगे और भारत को आगे ले जाएंगे।

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400 करोड़ का महादान

आईआईटी बॉम्बे को नंदन नीलेकणी पहले भी 85 करोड़ रुपए का दान दे चुके हैं। अब इस इंस्टीट्यूट में उनका कुल योगदान 400 करोड़ का हो गया है।

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इंफोसिस की स्थापना

नंदन नीलेकणी ने 1981 में 6 सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की थी। तब से लेकर आजतक उन्होंने संस्था को ऊंचाईयों पर ले जाने का काम किया है।

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