साइंस फोकस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब Mount Everest दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत नहीं है। इससे ज्यादा ऊंचा पर्वत मौजूद है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत नेपाल या कहीं और नहीं बल्कि अमेरिका के हवाई में मौजूद है।
दावा है कि सुप्त ज्वालामुखी मौना किया (Mauna Kea) दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। इसको लेकर फैक्ट्स भी बताए गए हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि एवरेस्ट का शिखर समुद्र तल से 8,849 मीटर ऊपर है लेकिन हर पर्वत का बड़ा हिस्सा समुद्र तल से नीचे भी होता है। इस पर ध्यान नहीं जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर समुद्र के अंदर से चोटी तक किसी पर्वत की ऊंचाई मापी जाए तो मौना किया ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है।
इस आधार पर Mauna Kea की ऊंचाई 10,205 मीटर और माउंट एवरेस्ट की 8,849 मीटर है। मतलब मौना किया ही दुनिया में सबसे ऊंचा पर्वत है।
शोध के अनुसार, मौना किया का आधा से ज्यादा हिस्सा प्रशांत महासागर के अंदर है। करीब 6,000 मीटर हिस्सा समुद्र के नीचे और 4,205 मीटर ऊपर है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत भी हवाई में ही है। सक्रिय ज्वालामुखी मौना लोआ की कुल ऊंचाई 9.17 किमी है।
इस दावे के आधार पर माउंट एवरेस्ट तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है। हालांकि, इन दावों के बीच आधिकारिक तौर पर अभी भी एवरेस्ट ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है।