स्पेस से लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स की डाइट ऐसी रखी जाती है, जो धीरे-धीरे उन्हें शारीरिक तौर धरती की स्थितियों के अनुकूल बनाता है। धरती के गुरुत्वाकर्षण के री-एडजस्टमेंट कर सकें।
एस्ट्रोनॉट्स की डाइट उनकी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से होती है। देखा जाता है स्पेस से आने बाद उनका एनर्जी लेवल, पाचन तंत्र कैसा है। फिर स्टेप टू स्टेप डाइट में चीजें बढ़ाई जाती हैं।
अंतरिक्ष से धरती पर आते यानी स्पेस स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद लाइट और लिक्विड डाइट दी जाती है। पानी, इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स, ग्लूकोज, नमक-चीनी घोल, जूस, हल्का सूप दिया जाता है।
अगर उनकी हालत स्थिर रहती है तो आसानी से पचने वाला खाना जैसे उबले चावल, मैश्ड आलू, उबली सब्जियां, टोस्ट जैसी चीजें खाने को दी जाती है।
धीरे-धीरे स्पेशल स्पेस सेंटर में पोषण विशेषज्ञ एस्ट्रोनॉट्स की डाइट नॉर्मल करते हैं। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन रिच फूड्स देते हैं। कैल्शियम-विटामिन D सप्लीमेंट्स देते हैं
अंतरिक्ष से वापस लौटने के 2-3 दिन बाद एस्ट्रोनॉट्स की हेल्थ स्थिर है, मितली-वीकनेस नहीं है तो नासा के ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में उन्हें ग्रिल्ड और उबला चिकन दिया जा सकता है।
स्पेस मिशन अवधि के आधार पर 5-7 दिनों तक ऐसी डाइट चलती रहती है। फिर एस्ट्रोनॉट्स अपनी पसंद का चिकन-मटन, मसालेदार-तला खाना खा सकते हैं लेकिन तभी जब डाइजेस्टिव सिस्टम नॉर्मल हो जाए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पेस से आने के 10 दिनों तक अल्कोहल नहीं पी सकते हैं। नासा की मेडिकल टीम की मंजूरी के बाद 2 हफ्ते के बाद हल्का अल्कोहल लिया जा सकता है लेकिन काफी कम मात्रा में