बांग्लादेश में बद से बदतर हालात के पीछे मोहम्मद यूनुस जिम्मेदार हैं। ये बात उन्हीं के अपने और मोरक्को में बांग्लादेश के राजदूत हारुन अल रशीद ने कही है।
रशीद ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट में कहा- नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस के सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश में अराजकता बढ़ गई है। देश की सांस्कृतिक और धर्मनिरपेक्ष पहचान खत्म हो रही है।
हारुन अल रशीद ने मुहम्मद यूनुस पर सेक्युलर ढांचा तोड़ने, कट्टरपंथियों का समर्थन करने और और शेख हसीना सरकार गिराने की साजिश रचने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
रशीद ने कहा- बांग्लादेश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन दुनिया सबकुछ देखकर भी चुप है। उन्होंने पश्चिमी देशों से यूनुस के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की अपील भी की है।
हारुन अल रशीद ने अपनी पोस्ट में कहा- यूनुस सरकार मीडिया को दबा रही है, जिससे अत्याचार की खबरें सामने नहीं आ रहीं। इससे कट्टरपंथियों का हौसला बढ़ गया है।
रशीद ने कहा- यूनुस ने कट्टरपंथियों को खुली छूट दे रखी है, जिससे ये सांस्कृतिक प्रतीकों को तोड़ने के साथ ही सूफी दरगाहों और हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे हैं।
रशीद के मुताबिक, यूनुस सरकार में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर, जमात-ए-इस्लामी खुलेआम इस्लामी शासन की मांग कर रहे हैं।
रशीद ने कहा- बांग्लादेश सेकुलर देश के रूप में बना था लेकिन इस्लामियों ने इस पहचान को खत्म कर दिया है। शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी बेटी शेख हसीना चरमपंथियों के निशाने पर रहे हैं।
रशीद का दावा है कि जुलाई में शेख हसीना की सरकार गिराने के समय से ही ये लोग देश के तानेबाने को कमजोर कर रहे हैं। अब इनको यूनुस की शह भी मिल रही है।