चीन ने अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान बना लिया है। यह समुद्र में टेस्ट के लिए तैयार है। यह पहले के दो एयरक्राफ्ट कैरियर से अधिक भारी और आधुनिक है।
विमानों के टेकऑफ के लिए फुजियान पर तीन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट (ऐसा सिस्टम जो विमान को तेज रफ्तार से हवा में उछालता है) लगे हैं। इससे एक बार में तीन विमान उड़ान भर पाएंगे।
चाइना डेली की रिपोर्ट के अनुसार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) इस साल चीन द्वारा खुद बनाए गए दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर सीएनएस फुजियान का सी ट्रायल करेगी।
इंडो-पैसिफिक में चीन का सामना अमेरिका से है। वह अपनी नौसेना की ताकत तेजी से बढ़ा रहा है। चीन ने दावा किया है कि उसके फुजियान की टेक्नोलॉजी अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर से कम नहीं है।
चीन दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान का दावा है कि यह क्षेत्र उनका है। इस मुद्दे को लेकर इलाके में तनाव है।
चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग 2012 में कमीशन किए गए सोवियत-युग के जहाज का नया संस्करण था। इसके बाद चीन ने 2019 में स्वदेशी विमान वाहक पोत शेडोंग बनाया था।
फुजियान चीन का दूसरा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसका डिस्प्लेसमेंट 80,000 टन है। यह चीन के पहले और दूसरे विमान वाहक पोत से 20,000 टन अधिक है।
चीन की योजना लगभग पांच विमान वाहक पोत रखने की है। चीन जिस अगले विमानवाहक पोत के निर्माण की योजना बना रहा है, उसके परमाणु ऊर्जा से चलने की उम्मीद है।
फुजियान चीन का पहला एयर क्राफ्ट कैरियर है जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम (EMALS) लगा है। यह सिस्टम वर्तमान में सिर्फ अमेरिका के पास है।
चीन वर्तमान में अपने एयर क्राफ्ट करियर से J-15 फाइटर जेट को ऑपरेट करता है।