F-16 फाइटिंग फाल्कन 1 इंजन वाला मल्टीरोल अमेरिकी लड़ाकू विमान है। इसने पहली बार जनवरी 1974 में उड़ान भरी थी। इसे 28 देशों ने US से खरीदा है। अभी भी 2145 F-16 विमान सेवा में हैं।
F-16 अपने समय का अत्याधुनिक फाइटर जेट था। एयरबोर्न रडार और बीवीआर मिसाइलों ने इसे अच्छा लड़ाकू विमान बनाया था। इसमें लगातार अपग्रेड होते रहे हैं। पाकिस्तान के पास पुराने F-16 हैं।
सुखोई Su-30 MKI (Sukhoi Su-30 MKI) दो इंजन और दो सीट वाला लड़ाकू विमान है। यह मल्टीरोल होने के साथ ही हवाई लड़ाई में बेहद सक्षम है।
भारतीय वायुसेना में 2002 में पहला सुखोई विमान शामिल हुआ था। इसे भारत सरकार की कंपनी HAL रूस से लाइसेंस लेकर बनाती है। सुखोई इंडियन एयरफोर्स का मुख्य लड़ाकू विमान है।
भारतीय वायुसेना में करीब 260 सुखोई विमान हैं। इसे 300km तक हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल से लैस कर बेहद खतरनाक बनाया गया है।
सुखोई 30 विमान 21.935 मीटर लंबा है। इसके पंखों का फैलाव 14.7 मीटर है। वहीं, F-16 जेट 15.06 मीटर लंबा है। इसके पंखों का फैलाव 9.96 मीटर है।
सुखोई 30 का वजन 18,400 kg है। वहीं, F-16 का वजन 8,573kg है। सुखोई 8,130kg और F-16 7,700kg हथियार लेकर उड़ सकता है।
सुखोई में बेहद ताकतवर रडार लगा है। यह 400 km तक हवाई खतरे की तलाश करता है। यह 200km तक मौजूद दुश्मन के जहाज को ट्रैक कर सकता है। F-16 का रडार 150km तक देख सकता है।
हवाई लड़ाई के लिए F-16 के पास AIM-120 AMRAAM है। इसका रेंज 120km है। सुखोई 30 को BVR मिसाइल अस्त्र से लैस किया गया है। इसका रेंज 110-160km तक है।