पाकिस्तान की इकोनॉमी ICU में है। विदेशी कर्ज सिर पर और खजाना खाली है। अगर भारत से जंग होता है तो पड़ोसी मुल्क ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा और शुरुआती झटकों से ही बिखर सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जंग सिर्फ हथियारों से नहीं, सप्लाई और लॉजिस्टिक्स से भी जीती जाती है। पाकिस्तान की सप्लाई चेन बेहद कमजोर है, जो शुरुआती 48 घंटों में ही टूट सकती है।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की एयरफोर्स हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस है, जबकि पाकिस्तान अभी भी उतना मजबूत नहीं है। जिसकी वजह से आसमान में ज्यादा देर टिक नहीं सकता है।
खुद के घर में बैठे आतंकी गुट पाकिस्तान को अंदर ही आंदर खा रहे हैं। जंग के माहौल में ये ग्रुप पाकिस्तानी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं।
विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि आज दुनिया भारत के साथ खड़ी है। अमेरिका, फ्रांस, रूस जैसे ताकतवर और कई मुस्लिम देश भी पाकिस्तान को सपोर्ट करने का रिस्क नहीं उठाएंगे।
पाकिस्तान में महंगाई और अन्य वजहों से पहले से ही जनता में डर और अस्थिरता है। युद्ध की खबर फैलते ही बगावत और पलायन जैसे हालात बन सकते हैं। उसकी राजनीति भी बिखरी हुई है।
दुनिया को डर है कि पाकिस्तान का न्यूक्लियर सिस्टम सुरक्षित नहीं है। युद्ध में अगर हालात बिगड़े, तो इसका भारी नुकसान खुद पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है।
भारतीय नेवी के पास सुपर एडवांस टेक्नोलॉजी और वॉरशिप्स हैं। पाकिस्तान के पास कोई विमानवाहक युद्धपोत नहीं है। जिससे समंदर के रास्ते उसकी सप्लाई लाइन भी कटना तय है।
पाकिस्तान की राजनीति सेना, ISI और सरकार के बीच फंसी हुई है। युद्ध के समय जब एकजुटता चाहिए, वहां पूरा सिस्टम एक-दूसरे पर आरोप लगा सकता है, जो बड़ी कमजोरी बन सकती है।
भारत की साइबर ताकत, सेटेलाइट सर्विलांस और खुफिया नेटवर्क पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रखता है। जंग में इन एडवांस टेक्नोलॉजी के आगे पाकिस्तान का पूरा सिस्टम फेल हो सकता है।