G7 शिखर सम्मेलन इटली में हो रहा है। 47 साल की जियोर्जिया मेलोनी अध्यक्षता कर रहीं हैं। नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। शायद समूह के नेताओं का वर्षों में सबसे कमजोर सम्मेलन होगा।
जो बाइडेन, इमैनुएल मैक्रों, ओलाफ स्कोल्ज, ऋषि सुनक, फुमियो किशिदा और जस्टिन ट्रूडो सभी अपने-अपने देशों में सत्ता में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यूरोपीय चुनावों में आश्चर्यजनक प्रदर्शन के बाद मेलोनी सबसे अलग नजर आती हैं। इस समय उन्हें यूरोप की सबसे स्थिर नेता कहा जा सकता है। उन्हें जी7 में ‘सबसे बड़ी’ नेता माना जा रहा है।
मेलोनी और उनकी फार-राइट ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी यूरोपीय संसद चुनावों में बड़ी विजेता बनकर उभरी है। उन्हें लगभग 29% वोट मिले।
मेलोनी को यह कामयाबी रातों-रात नहीं मिली है। वह 2022 में इटली की प्रधानमंत्री बनीं तो कई लोगों ने उनकी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नव-फासीवादी इतिहास के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
मेलोनी ने अपनी विश्व छवि को संवारा है। उन्होंने अपने विरोधियों को शांत किया और जो बाइडेन व यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष डेर लेयेन जैसे विश्व नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए हैं।
रूस-यूक्रेन जंग में मेलोनी ने खुद को प्रमुख खिलाड़ी बनाया और अपने को अन्य दक्षिणपंथी नेताओं से अलग किया। इससे उन्हें पश्चिमी नेताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिली है।
जियोर्जिया मेलोनी का जन्म 15.1.1977 को दक्षिणी रोम के गारबेटेला में हुआ था। उन्हें उनकी मां ने पाला था। उनके माता-पिता अलग हो गए थे। मेलोनी किशोर उम्र से ही राजनीति में हैं।
मेलोनी 15 साल की थीं तब वह इटालियन सोशल मूवमेंट में शामिल हो गईं थी। यह पूर्व फासीवादी नेता बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों द्वारा स्थापित एक दक्षिणपंथी पार्टी थी।
मेलोनी ने 2012 में ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की सह-स्थापना की थी। 2014 से वह पार्टी का नेतृत्व कर रहीं हैं। 2022 में वह इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।