कुवैत में 12 जून को मजदूरों से भरी एक बिल्डिंग में आग लगने से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई।
इस घटना के बाद सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसा क्या है जो लोग इतनी तादात में कुवैत जाते हैं।
कुवैत में काम बहुत अधिक है। इस कारण वहां निर्माण कार्य से लेकर अन्य क्षेत्रों में बहुत अधिक श्रमिकों की जरूरत होती है।
कुवैत में सैलरी भी भारत की अपेक्षा अधिक मिलती है। सीधे शब्दों में कहें तो भारत से तीन गुना अधिक सैलरी कुवैत में मिलती है।
भारत में जहां एक मजदूर को करीब 500 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं। वहीं कुवैत में प्रतिमाह 100 कुवैती दिनार यानी करीब 27 हजार रुपए सैलरी मिलती है।
कुवैत में निर्माण कार्य, हेल्पर, क्लीनर, कृषि कार्य, गाड़िया धोना, बागवानी, वेल्डर, फीटर मशीनरी चलाने आदि कार्य मिलत हैं।
कुवैत में अच्छा पैसा मिलने के कारण मजदूर भी लखपति बन जाता है। इस कारण मजदूर वर्ग के लोग कुवैत जाना अधिक पसंद करते हैं।
कुवैत में अनुभवी व्यक्ति को 140 से 170 दिनार मिलते हैं। जो प्रतिमाह करीब 38 से 46 रुपए महीने सैलरी हो जाती है।
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