इजरायल-हमास की जंग में अब तक हजारों लोगों की जान चली गई है। इस बीच इजरायल के एक मंत्री की तरफ से परमाणु बम गिराने का बयान आया है। जिसको लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है।
गाजा से पहले रूस और यूक्रेन के बीच चल रही युद्ध के दौरान भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बातें सामने आईं लेकिन तब सालों पहले जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की तबाही याद आई।
अगर परमाणु बम कहीं गिरा दिया जाए तो वहां लाशों का ढ़ेर लग सकता है। जहां परमाणु बम गिराया जाता है, वहां की आधी आबादी तो एक झटके में ही खत्म हो सकती है। सबकुछ ध्वस्त हो सकता है।
परमाणु बम गिराने के बाद जब रेडिएशन फैलना शुरू होता है, तब असली तबाही मचती है। वहां की हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। दम घुटने से मौत हो जाती है। जिंदगी खत्म हो जाती है।
अगर इजरायल गाजा पर परमाणु बम चला दे तो वहां के लोग गिरकर मरने लगेंगे। इतनी लाशें गिरेंगी कि गिनना भी मुश्किल हो जाएगा। सबकुछ तबाह हो सकता है।
परमाणु बम के विस्फोट से सिर्फ कंक्रीट की इमारतें ही बच सकती हैं, बाकी सबकुछ एक झटके में खत्म हो जाएगा। लाखों लोग इसकी गर्मी से ही झुलस जाएंगे, बचे लोगों की रेडिएशन से मौत हो जाएगी।
परमाणु बम के रेडिएशन का असर एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों सालों तक रह सकता है। सैकड़ों सालों बाद भी अगर कोई बच्चा या जीव पैदा होगा तो अपंग या शारीरिक तौर पर कमजोर पैदा होगा।