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150 रुपए की चीज खाकर बेरहम हुए हमास आतंकी, बन गए कसाई !

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हमास आतंकियों के पॉकेट से क्या मिला

इजरायली सैनिकों की कार्रवाई में मारे गए हमास लड़ाकों की जेब से सिंथेटिक एम्फैटेमिन पिल्‍स पाए गए। जो नशीले पदार्थ कैप्‍टागन ड्रग की गोलियां हैं। अरब में इसे अबू अल-हिलालेन कहते हैं

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कैप्‍टागन ड्रग क्या करता है

सैनिक जख्मी होने पर दर्द सहने कैप्‍टागन ड्रग लेते हैं, जो क्रोध भड़का उतावलापन बढ़ाकर संवेदनहीन बना देता है। इसी के नशे में हमास आतंकी इजराइल पहुंचे, कसाईयों की तरह हत्याएं की।

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कहां बनता है हमास आतंकियों का ड्रग

हमास आतंकियों को दिया जाने वाले नशीला-उत्‍तेजक ड्रग को फेनेथिलीन कहते हैं। दक्षिणी यूरोप में चोरी-छुपे बनाया जाता है। तुर्की के जरिए मध्य पूर्व में इस ड्रग की तस्‍करी की जाती है।

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एम्‍फैटेमिन लेने पर क्या होता है

रिपोर्ट्स के अनुसार, एम्फैटेमिन ओपियेट्स की तुलना में ताकतवर है। इसे लेने वाले को लगता है कि वह दुनिया का राजा है। यह ज्यादा हिंसक बना देता है। हिटलर भी इसका डेली सेवन करता था।

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कैप्‍टागन ड्रग का असर

कैप्‍टागन की कम मात्रा भी मूड में बदलाव, भ्रम, क्रोध, चिड़चिड़ापन और उतावलापन बढ़ा सकता है। इससे अनिद्रा, थकान और अवसाद समेत कई शिकायतें हो सकती हैं।

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अरब में स्टूडेंट्स-महिलाएं ड्रग लेती हैं

द यरूशलम पोस्‍ट के अनुसार, सऊदी अरब में 1980 के दौरान कैप्‍टागन खूब इस्तेमाल होता था। अरब देशों में स्टूडेंट्स परीक्षा के दौरान और महिलाएं वजन कम करने सेवन करती हैं।

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अरब में कहां-कहां कैप्‍टागन का इस्तेमाल

इंटरपोल, अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड ने बुल्गारिया, स्लोवेनिया सर्बिया-मोंटेनेग्रो, तुर्की जैसे देशों में कुछ सालों में कैप्‍टागन बरामद किए। अफ्रीका में खूब यूज होता है।

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आतंकियों तक कैसे पहुंच रहा कैप्‍टागन

अवैध कैप्‍टागन साल 2015 में तब सबसे ज्यादा चर्चा में आई जब ISIS ने डर दबाने इसका इस्तेमाल किया। इसके बाद लेबनान और सीरिया में इसका उत्पादन और वितरण शुरू हुआ।

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कैप्‍टागन ड्रग की कीमत

इसे गरीब देशों का कोकीन कहा जाता है। गरीब देशों में कैप्‍टागन पिल्स की कीमत दो डॉलर यानी करीब 160 रुपए और अमीर देशों में इसकी कीमत 20 डॉलर यानी 400 रुपए तक होती है।

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