हमास चीफ याह्या सिनवार को इजराइली सेना ने एक हमले में मार गिराया। हालांकि, सिनवार चाहता तो खुद को बचा सकता था लेकिन उसकी एक जिद ने मौत के मुंह में पहुंचा दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिनवार ने गाजा के बाहर स्थित हमास अधिकारियों को साफ कह दिया था कि इजराइल के साथ किसी भी समझौते में कमजोर पड़ने की जरूरत नहीं है।
सिनवार को लगता था कि गाजा में लगातार हो रही मौतों के चलते इजरायल पर वैश्विक दबाव बढ़ रहा है, जो उसे आगे चलकर हमारे हिसाब से समझौता करने पर मजबूर कर देगा।
इतना ही नहीं, सिनवार ने मिस्र को हमास की जगह गाजा में सीजफायर समझौते पर बातचीत की इजाजत देने के बदले में जिंदा रहने और गाजा छोड़ने के मौके को भी ठुकरा दिया था।
अगर याह्या सिनवार इस शर्त को मानकर गाजा छोड़कर किसी और जगह पर चला जाता तो हो सकता है कि उसकी जान बच जाती। लेकिन सिनवार ने इसे ठुकराते हुए इजराइल के खिलाफ जंग जारी रखी।
हालांकि, सिनवार को इस बात का अंदेशा था कि एक न एक दिन इजराइली फोर्स उस तक जरूर पहुंच जाएंगी। सिनवार ने कहा था कि उसकी मौत के बाद हमास नेताओं की एक काउंसिल बनाए।
IDF सिनवार को काफी पहले खत्म करना चाहती थी। लेकिन इजराइली थिंक टैंक का मानना था कि सिनवार का फोकस गाजा पर शासन करने में है, इसलिए उससे कोई खतरा नहीं।
सिनवार ही वो शख्स था, जिसने 7 अक्टूबर को हमास आतंकियों के साथ इजराइल पर हमला किया। हालांकि, इसके बाद इजराइल ने अब तक हमास की पूरी टॉप लीडरशिप को ही खत्म कर दिया है।