इजराइल-हमास जंग को 26 दिन हो चुके हैं। इसमें अब तक गाजा में 8500 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। इजराइल का दावा है कि उसने हमास के सीनियर कमांडर इब्राहिम बियारी को भी मार गिराया है।
वैसे, जॉर्डन के सुल्तान ने 1970 में पाकिस्तान के जिया-उल-हक की मदद से हजारों फिलिस्तीनियों का कत्लेआम किया था। तब जिया उल हक ब्रिगेडियर थे और 25000 फिलिस्तीनियों की हत्या की थी।
जॉर्डन के सुल्तान रहे हुसैन ने 1970 में पाकिस्तान के पूर्व जनरल जिया उल हक की मदद से सिर्फ 11 दिन में इतना कत्लेआम मचाया था, जो इजरायल ने 20 सालों में भी नहीं किया।
इस घटना के बाद से ही जनरल जिया-उल-हक को पाकिस्तान में 'फिलिस्तीनी हत्यारे' के तौर पर जाना जाता है। जिया उल हक ने फिलिस्तीनियों के इस नरसंहार में जॉर्डन सेना की मदद की थी।
1967 के सिक्स डे वार में जॉर्डन की सेना ने मिस्र का साथ देते हुए इजरायल पर हमला किया था। लेकिन इजराइल ने सिर्फ 6 दिन में ही 8 मुस्लिम देशों को धूल चटा दी थी। जार्डन भी हार चुका था।
तब 3 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों ने जॉर्डन नदी के आसपास शरण ली। बाद में इन शरणार्थियों ने धीरे-धीरे खुद को एकजुट किया और जॉर्डन पर कब्जा कर सुल्तान को ही मारने पर उतारू हो गए।
फिलिस्तीनी लोग जब जॉर्डन के सुल्तान हुसैन की सत्ता को चुनौती देने लगे तो उसने पाकिस्तान की सेना में ब्रिगेडियर रहे जिया-उल-हक का साथ मिला।
इसके बाद जिया-उल-हक 1967 में जॉर्डन पहुंचे और वहां 3 साल तक जॉर्डन की सेना को ट्रेनिंग दी और ब्लैक सितंबर (Black September) के नाम से ऑपरेशन शुरू किया।
इसके बाद जॉर्डन के सुल्तान हुसैन ने पाकिस्तान के जिया-उल-हक को मौका-मुआयना करने भेजा। इसी दौरान जिया उल हक ने सीधे फिलिस्तीनियों को कत्लेआम शुरू कर दिया।
1970 के इस युद्ध में पाकिस्तान के तत्कालीन ब्रिगेडियर जिया-उल-हक ने 25000 फिलिस्तीनियों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, अब वो उन्हीं फिलिस्तीनियों का मसीहा बनता है।