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इजराइल-हमास युद्ध पर पाकिस्तान ने क्यों साधी चुप्पी? जानें क्या है वजह

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इजराइल-हमास वॉर, किस ओर पाकिस्तान

इजराइल हमास युद्ध में जहां दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है तो पाकिस्तान बैकफुट पर है। वह पूरी तरह न तो इजरायल और ना ही फिलिस्तीन के साथ खड़ा हो पा रहा है। चाहकर भी मौन रहना पड़ रहा

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पाकिस्तान में छिटपुट प्रदर्शन

पाकिस्तान में इस युद्ध को लेकर छिटपुट प्रदर्शन हुए और वह युद्ध करने की अपील कर चुका है लेकिन विश्लेषक इसे पाकिस्तानी सत्ता पर काबिज लोगों को उनके नागरिकों के लिए दिखावा माना है।

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पाकिस्तान में प्रदर्शन का मतलब

विश्लेषक मानते हैं कि पाकिस्तान में हुए विरोध-प्रदर्शन से पाकिस्तान सरकार अपने लोगों को बस दिखाना चाहती है कि वह फिलिस्तीन के साथ है, सरकार इसको लेकर चिंतित है।

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पाकिस्तान का अब तक का रिएक्शन

पाकिस्तान हमेशा से ही फिलिस्तीन के साथ रहा है। अभी तक इजरायल के साथ राजनयिक रिश्ते नहीं बना पाए हैं। बावजूद इसके इस मामले पर उसकी चुप्पी उसकी मजबूरी को बयां करने काफी है।

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बदला-बदला पाकिस्तान का लहजा

7 अक्टूबर को जब इजरायल ने हमास पर हमले शुरू किए तब पाकिस्तान ने सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत दो देशों वाले समाधान की बात की। इस बात कब्जाई जमीन का इस्तेमाल नहीं किया।

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क्या पाकिस्तान भेजेगा अपनी सेना

पाक इजराइल का विरोध नहीं कर रहा और फिलिस्तीनियों का विश्वास भी बनाए रखना चाहता है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच फिलिस्तीन में अपनी सेना भेजने से इनकार कर दिया है।

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पाकिस्तान का रिएक्शन सोचा-समझा

बीबीसी की एक रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार रसूल बख़्श रईस ने कहा, 'इजराइल-हमास संघर्ष में पाकिस्तान का जवाब सोचा-समझा है। आगे भी यह इसी तरह रहने वाला है।'

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इजराइल से बैर नहीं चाहता पाकिस्तान

रसूल बख़्श रईस कहते हैं कि 'पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार, सेना या राजनीतिक पार्टियों ने फिलिस्तीनियों के प्रति चिंता जताई, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया जिससे इजराइल की आंखों में आएं।'

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अमेरिका-यूरोपीय देशों से पंगा नहीं

जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तानियों का फिलिस्तीनियों से लगाव है लेकिन उसके रणनीतिक-आर्थिक हित अमेरिका, यूरोपीय संघ और दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं। उन्हें नाराज नहीं करना चाहता है।

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सऊदी अरब को खुश करने की कोशिश

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब पाकिस्तान का पुराना दोस्त है। कई बार उसे आर्थिक संकट से बाहर निकाला है। ऐसे में इजराइल-हमास जंग में वह इजराइल का रास्ता ही अपना रहा है।

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