इजरायल में हमले के पीछे हमास की अलग-अलग विंग का नाम आया है। इसमें प्रमुख कसाम ब्रिगेड है, जो मिलिट्री विंग है। 1992 में बनी यह विंग इजरायली सेना से लड़ाई लड़ती है।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के हमास के खात्मे की कसम का पहला जवाब कसाम ब्रिगेड ने दिया और कहा कि जमीनी हमले उसे डराते नहीं हैं। जवाब देने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं।
इजराइल से लड़ने की हुंकार भरने वाले कसाम बिग्रेड को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि जमीनी लड़ाई में कसाम सुरंगों के नेटवर्क के जरिए इजरायली सैनिकों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (हमास) का गठन शेख अहमद यासीन ने 1987 में किया। 1992 में फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ने कसाम बिग्रेड नाम की सेना बनाई।
कसाम ब्रिगेड गाजा का सबसे बड़ा और सुसंगठित सशस्त्र समूह है। अपने गठन के बाद से ही इजरायल पर हमले करता रहा है। इजराइल को नुकसान पहुंचाने कई आत्मघाती हमले भी कर चुका है।
साल 2002 में इजरायली सेना ने हवाई हमले में कसाम ब्रिगेड के संस्थापक सलाह शहादेह को मार गिराया और संगठन को बैकफुट पर धकेल दिया लेकिन जल्द ही संगठन मजबूत होकर सामने आया।
CIA वर्ल्ड फैक्टबुक के मुताबिक, कसाम ब्रिगेड में 20-25 हजार सदस्य हैं। इसे लेकर अलग-अलग दावे हैं। इनके पास बंदूकें, हथगोले और बड़ी संख्या में रॉकेट हैं, जो इनकी ताकत माने जाते हैं।
इस ब्रिगेड की सटीक ताकत का अंदाजा लगाना मुश्किल है। दावा है कि इस संगठन को ईरान से पैसा मिलता है और यहीं से वह अपनी सैन्य ताकत और क्षमताए बढ़ाता रहता है।
कसाम ब्रिगेड सीधी लड़ाई की बजाय गाजा की सुरंगों का इस्तेमाल करता है। इसमें महारत हासिल है। जिसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि ये इजराइली सेना के लिए परेशानी बन सकते हैं।