यमन के हौथी विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। हौथियों ने बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ ड्रोन दागे। इन्हें लाल सागर के ऊपर तबाह कर दिया गया।
हौथी यमन का विद्रोही समूह है। इन्हें ईरान से समर्थन मिलता है। इसके पास, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ रॉकेट और ड्रोन जैसे हथियारों का बड़ा जखीरा है।
यमन और इजरायल के बीच की दूरी दो हजार किलोमीटर से अधिक है। यमन से मिसाइल या ड्रोन से हमला करने के लिए लाल सागर के ऊपर से उड़ान भरना पड़ता है।
लाल सागर में मौजूद अमेरिकी और इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा यमन से किए जा रहे हवाई हमले को रोका जा रहा है। इजरायल ने कहा है कि उसके Arrow लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम ने रॉकेट रोके।
इजरायली सेना ने कहा कि हमला करने आ रहे अन्य मिसाइलों को उसके लड़ाकू विमानों ने तबाह किया। इससे पहले अमेरिकी नौसेना ने हौथी विद्रोहियों द्वारा लॉन्च किए गए ड्रोन को नष्ट किया था।
हौथी समूह का गठन 1990 के दशक में हुसैन अल हौथी ने किया था। इसने यमन के तत्कालीन नेता अली अब्दुल्ला सालेह के खिलाफ विद्रोह किया था।
2014 में यमन सरकार ने ईंधन सब्सिडी में कटौती की थी। इसके बाद हौथिस ने कई विरोध प्रदर्शन किए। इसने आगे चलकर यमन में गृह युद्ध का रूप ले लिया था।
हौथिस ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। हादी की सेना अभी भी यमन के पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण रखती है।
हौथिस जायदी शिया हैं। ये शिया मुसलमानों के एक छोटे संप्रदाय के सदस्य है। शिया इस्लामी दुनिया में अल्पसंख्यक हैं। सुन्नी मुसलमानों की संख्या अधिक है।