हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों की अब खैर नहीं है। AI का इस्तेमाल कर चीनी सबमरीन का पता लगाने के लिए अमेरिका ने ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ हाई-टेक समझौता किया है।
US ऑस्ट्रेलिया और UK के साथ अपने एडवांस सैन्य सहयोग को बढ़ा रहा है। इसमें पानी के भीतर ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से लेकर चीनी पनडुब्बियों पर नजर रखने में AI का इस्तेमाल शामिल है।
अमेरिका ने यह पहल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी नौसेना के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए किया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूके मिलकर अब चीनी पनडुब्बियों का पता लगाएंगे।
अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया द्वारा पानी के भीतर तैनात उपकरणों से मिलने वाले सोनार डेटा को तेजी से समझने के लिए एआई की मदद ली जाएगी।
चीनी पनडुब्बियों को ट्रैक करने के लिए अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया ने Aukus Pillar II नाम का समझौता किया है। इसके अनुसार तीनों देश जानकारी शेयर करेंगे।
डील के अनुसार ऑस्ट्रेलिया US से वर्जीनिया क्लास के 3 सबमरीन खरीदेगा। वह 5 नए AUKUS क्लास के सबमरीन बनाएगा। इसमें ब्रिटेन से सहयोग मिलेगा।
ऑस्ट्रेलिया के ये सबमरीन परमाणु ऊर्जा से चलेंगे, लेकिन इन्हें न्यूक्लियर वेपन से लैस नहीं किया जाएगा। इन्हें ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में तैयार किया जाएगा।