इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ने के पहले कैसे पेजर ब्लास्ट से कमजोर किया इससे दुनिया आज भी नावाकिफ है।
मोसाद ने बड़ी चतुराई से कई सालों से इस प्लान को अंजाम दिया था। हिजबुल्लाह को यह संदेह तक नहीं हुआ कि वह इजरायली ट्रैप में फंस चुका है।
अपोलो पेजर को अस्त्र के रूप में तैयार करने के लिए इजरायली एजेंसी मोसाद ने बड़ी सतर्कता बरती।
हिजबुल्लाह ने इजरायली एजेंसी से ट्रेस न होने वाले पेजर को इस्तेमाल करने की सोची तो ऐसी कंपनी की तलाश की जो अमेरिका या इजरायल से जुड़ा न हो।
ताइवान की कंपनी को 2023 में थोक में टेंडर मिला। हिजबुल्लाह ने यह सुनिश्चित किया कि इस कंपनी का किसी यहूदी या इजरायल से संबंध नहीं है।
हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी को चुना जिसका अमेरिका या उसके सहयोगी देश या इजरायल से संबंध नहीं था।
मोसाद ने पहले से ही प्लानिंग कर रखी थी। इसकी भनक ताइवान की कंपनी को भी नहीं लगी।
हमास के हमले के बाद इजरायल लगातार अपनी प्लानिंग को इंप्रोव करने लगा। हमास के बाद उसने हिजबुल्लाह को टारगेट किया।
सबसे अहम बात यह कि इजरायल के भी टॉप ऑफिसर्स 12 सितंबर से पहले तक इस योजना से अनजान थे।
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