अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा- इजराइल ने अभी तय नहीं किया है कि ईरान के हमले का जवाब कैसे देगा। इससे कहा जा रहा है कि इजराइल खुद पर हुए अटैक भूला नहीं है।
कुछ जानकारों ने आशंका जताई है कि इजराइल, ईरान के परमाणु ठिकानों और तेल भंडार पर हमला कर सकता है, जो उसके लिए सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है। इसका असर दुनिया पर होगा।
बाइडेन ने इजराइल को ईरान के परमाणु-तेल के ठिकानों पर हमला न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा वे नेतन्याहू की जगह होते तो दूसरे ऑप्शन पर सोचते। कोशिश है मिडिल-ईस्ट में जंग रूक जाए।
इजराइल, ईरान के हमलों का जवाब उसके एटमी ठिकानों पर हमला करके नहीं देगा, इसकी गारंटी अमेरिका को नहीं दी है। इससे दुनियाभर खासकर मिडिल-ईस्ट में काफी तनाव है।
CNN ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के एक पूरे हो जाएंगे। ऐसे में इजराइल जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा, यह कह पाना मुश्किल है।
कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कई अमेरिकी अधिकारियों ने इजराइल को ईरान पर हमले के लिए समर्थन दिया है, जबकि कुछ का मानना है कि इससे मिडिल ईस्ट में बड़ी जंग छिड़ सकती है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल ने ईरान पर हमले के लिए तो 8 शहर जद में हो सकते हैं। इनमें 1. तेहरान, 2. तबरीज, 3. बख्तारन, 4. खोर्रमबाद, 5. शिराज, 6. शाहरौद, 7. इस्फहान, 8. होरमोजगन।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दक्षिणी लेबनान के बाद अब उत्तरी लेबनान पर एक्शन शुरू कर दिए हैं। IDF ने शुक्रवार को बताया कि 4 दिनों में 250 हिजबुल्लाह लड़ाके मार गिराए है।
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के हमलों के डर से लेबनान से 3 लाख लोग सीरिया पलायन कर गए हैं। लेबनान सरकार के मुताबिक अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग देश छोड़ चुके हैं।