भारत के साथ विवाद के चलते मालदीव इन दिनों गलत कारणों से चर्चा में है। हिंद महासागर के इस देश की सामरिक महत्ता अधिक है। यही वजह है कि चीन इसपर नजरें लगाए हुए हैं।
मालदीव दुनिया की सबसे कम आबादी वाले देशों में से एक है। इसकी आबादी करीब चार लाख है। यह 298 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
ग्लोबल वार्मिंग के चलते समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे मालदीव को हर वक्त डूबने का खतरा रहता है। यहां का सबसे ऊंचे स्थान की ऊंचाई मात्र 16.4 फीट है।
मालदीव में करीब 1,190 कोरल द्वीप हैं। इनमें से लगभग 200 द्वीप पर इंसान रहते हैं। 80% से अधिक द्वीप समुद्र तल से एक मीटर (3.3 फीट) से भी कम ऊपर हैं।
16वीं सदी में मालदीव पर पुर्तगालियों का कब्जा था, फिर 17वीं सदी में डचों का कब्जा रहा। 1796 में सीलोन (श्रीलंका) पर कब्जा करने के बाद अंग्रेजों ने इसपर भी कंट्रोल कर लिया था।
मालदीव 1887 में ब्रिटिश संरक्षित राज्य बना था। यह 1953 में राष्ट्रमंडल के भीतर एक गणतंत्र बना। इसे 1965 में पूरी आजादी मिली।
माना जाता है कि इस्लाम को पहली बार मालदीव में 1153 में अपनाया गया था। मालदीव के अंतिम बौद्ध राजा धोवेमी ने धर्म परिवर्तन किया था और सुल्तान मुहम्मद अल आदिल नाम अपनाया था।
मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर केंद्रित है। लगभग 80 द्वीपों को पर्यटन उद्योग के लिए रिसॉर्ट के रूप में विकसित किया गया है।
सतह क्षेत्र के आधार पर मालदीव दुनिया का नौवां सबसे छोटा देश है। यह जमीन क्षेत्र और जनसंख्या दोनों के हिसाब से दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है।
मालदीव manta rays और व्हेल शार्क के लिए महत्वपूर्ण भोजन और प्रजनन स्थल है। यह हैमरहेड शार्क देखने के लिए बेहतरीन जगह है।
दुनिया की सबसे बड़ी ज्ञात मछली व्हेल शार्क मालदीव के पानी में साल भर रहती है। यह व्हेल शार्क के साथ तैराकी के लिए प्रमुख स्थान है।