भारत वैसे तो हर मामले में अपने पुराने दोस्त इजराइल का समर्थन करता है, लेकिन अब एक ऐसा मुद्दा सामने आया है, जिसमें भारत ने इजराइल के खिलाफ वोट किया है।
दरअसल, UN में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें फिलिस्तीन के ईस्ट यरूशलम, सीरियाई गोलन हाइट्स समेत फिलिस्तीनी इलाकों पर इजराइली कब्जे की निंदा की गई थी।
भारत समेत 145 देशों ने फिलिस्तीन पर इजराइली कब्जे के खिलाफ वोटिंग की। वहीं करीब 7 देशों ने इसके पक्ष में तो वहीं 18 देश वोटिंग से दूर यानी तटस्थ रहे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का इजरायल के अलावा सिर्फ 6 देशों कनाडा, हंगरी, नाउरू, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया और अमेरिका ने समर्थन किया।
इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कहा था कि अब गाजा पर हमारी सेना का कंट्रोल होगा और हम इसे फिलिस्तीनी अथॉरिटी को नहीं सौंपेंगे।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि गाजा में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय ताकतों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।
नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हम हमास को मिटाकर ही दम लेंगे, चाहे इसके लिए हमें दुनिया के खिलाफ ही क्यों न जाना पड़े।
नेतन्याहू ने कहा कि कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव हमें हमास को खत्म करने से नहीं रोक सकता। इस जंग के बाद गाजा की तरफ से इजराइल को कोई खतरा नहीं होगा।